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Sunday 12 October 2014

पाकिस्तान की नापाक हरक़त एवं पाक अधिकृत कश्मीर


पाकिस्तान अपनी नापाक हरक़तोँ से बाज़ नहीं आ रहा है. पिछले कुछ दिनों से भारत के जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र में युद्धविराम का उल्लंघन कर पाकिस्तान भरी गोलीबारी कर रहा है. भारत सरकार द्वारा दृढ इच्छाशक्ति दिखाने पर  भारतीय सेना एवं BSF के जवानो ने ३ दिन पूर्व पाकिस्तानी रेंजरों को मुहतोड़ जवाब दिया जसके बाद कुछ समय के लिए गोलिनारी बंद हो गई परन्तु आज पाकिस्तान ने फिर से वही काम शुरू कर दिया जिसका भरपूर जवाब उसे मिल रहा है. पता नहीं पाकिस्तान को कब सद्बुद्धि आएगी?

उधर पाक अधिकृत कश्मीर में स्वतंत्रता की मांग जोर पकड़ने लगी है. वहां के लोग भी पाक की नापाक हरक़तों से आजीज आ चुके हैं. पाकिस्तानी सेना पाक अधिकृत कश्मीर के नौजवानो को जबरदस्ती बन्दुक की नोक पर आतंकवादी बना रही है जिसका अब वहां भी घोर विरोध होने लगा है. हज़ारों की संख्या में लोग बहार निकल कर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं.

पाकिस्तान का आतंकवादी चेहरा अब पुरे विश्व के सामने उजागर हो चूका है और अब उसे अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिलना भी बंद सा हो गया है परन्तु चोरी ऊपर से सीनाजोरी करते हुए उसने संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव को भारत के खिलाफ पात्र लिखा है. इस पात्र में उसने भारत की और से गोलीबारी एवं युद्धविराम उल्लंघन की  शिकायत की है. पाकिस्तान के इस झूठ को कौन स्वीकार करेगा?

अंदर की बात ये है की नरेंद्र मोदी का सशक्त नेतृत्व पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे रहा है एवं सेना के जवानो को खुली छूट दे दी गई है जिससे पाकिस्तान बौखला गया है. वैसे भी पाकिस्तान की अंदरुनी राजनैतिक हालात अच्छे नहीं हैं. ऊपर से अमरीका में मोदी का सन्मान उसे पच नहीं रहा है. अलगाववादी हुर्रियत से बात करने के कारण भारत ने द्विपक्षीय वार्ता भी रद्द कर दी है. भारत के प्रधान मंत्री ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में अपने हिंदी में दिए भाषण में पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दे दी है की आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकती।

सर्वोपरि पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों ल पाकिस्तान के झूठे प्रचार से मोहभंग हो गया है एवं वे उसकी सच्चाई जान गए हैं. उसे अपने कैम्पों में तैयार हज़ारों आतंकवादियों को भारत में प्रवेश करवाने के लिए भी ये गोलीबारी जरुरी है. एक प्रत्यक्ष युद्ध लड़ने की सामरिक एवं आर्थिक क्षमता भी उसमे नहीं है. भारत शांति का सदा से ही पक्षधर रहा है परन्तु कब तक हम पाक की नापाक हरकतों को बर्दास्त करते रहेंगे?

व्यापार में भारत ने पाकिस्तान को सर्वाधिक पसंदीदा देश (MFN) का दर्ज़ा दे रखा है परन्तु उसने भारत को यह सहूलियत नहीं दी है. भारत से व्यापारिक सम्वन्ध तोडना पाकिस्तान के लिए अर्थनैतिक आत्महत्या जैसा होगा और उसका काम एक दिन के लिए भी चलना मुश्किल हो जायेगा। अब समय आ गया है जब भारत पाकिस्तान से MFN का दर्ज़ा मांगे या उससे व्यापारिक सम्वन्ध तोड़ने के वारे में विचार करे.

नरेंद्र मोदी की सरकार एक अत्यंत सशक्त एवं स्वाभिमानी सरकार है जो की विकसित देशों के दवाबों के आगे भी नहीं झुकी। हम इस सरकार से और भी कड़े कदम की अपैशा रखते हैं जिससे पाकिस्तान अपनी नापाक हरक़त से बाज़ आये एवं क्षेत्र में तनाव काम हो कर शांति स्थापित हो सके. दोनों पक्षों के जान मॉल का नुकसान भी न हो. पाकिस्तान को अच्छे पड़ौसी की तरह जीना सीखना ही होगा।




Jyoti Kothari
Convener, Jaipur division
Prabhari, West Bengal,
Narendra Modi Vichar Manch

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