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Friday 25 September 2015

संयुक्त राष्ट्रसंघ में नरेंद्र मोदी ने दिया हिंदी में भाषण



Indian Prime Minister Narendra Modi addressing at UN general Assembly

Prime Minister Narendra Modi addresses the 69th session of the UN General Assembly

Prime Minister Narendra Modi meets Ban Ki-moon at the UN headquarters

Prime Minister Modi meets Ban Ki-moon at the UN headquarters


देश को पुनः गौरवान्वित करते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिर हिंदी में भाषण दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा आयोजित सतत विकास सम्मलेन को संवोधित कर रहे थे. भारतीय समयानुसार रात १० बज कर ४० मिनट पर जब वे बोलने के लिए आये तब पूरी सभा तालियों की गूंज से गड़गड़ा उठी. पूरा विश्व उनके वक्तव्य को सुनने के लिए उत्सुक था.

महात्मा गांधी के उल्लेखपूर्वक उन्होंने अपना भाषण प्रारम्भ किया एवं सतत विकास व गरीबी उन्मूलन के अपने लक्ष्य को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के आदर्श से भी जोड़ा। उन्होंने कहा की विश्व में १,३ अरब लोग गरीब हैं और भारत में गरीबी उन्मूलन उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

गरीबी उन्मूलन एवं अंतिम व्यक्ति को भी अर्थनीति की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा किये गए उपायों का भी व्योरा दिया। उन्होंने आगे कहा की एक वर्ष में ही १८ करोड़ व्यक्तियों का नया बैंक खता खुलवा कर उनकी सरकार ने इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसे जन धन योजना के नाम से जाना जाता है.

 गरीबों के लिए बीमा योजना, किसानो के लिए सरकार द्वारा उठाये गए कदम, महिला सशक्तिकरण, दक्षता विकास आदि की भी जानकारी दी. विशेषरूप से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की बात भी की. उन्होंने विकसित देशों से आग्रह किया की पर्यावरण संरक्षण के लिए ईमानदारी से काम करते हुए वे अपना अंशदान करें। उन्होंने आगे कहा की पर्यावरण संरक्षण में प्राकृतिक आपदाओं से गरीबों को बचने का दृष्टिकोण भी सम्मिलित होना चाहिए.

अपने भाषण में उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात की और सबका ध्यान आकर्षित किया। भारतीय महासागर से लेकर अटलांटिक एवं प्रशांत महासागरीय द्वीपों के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी एवं उनके विकास के लिए भारतीय प्रतिवद्धता को भी दोहराया।

एक अत्यंत महत्वपूर्ण आर्थिक नीति की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा की पुरे विश्व में दो ही तरह के उद्योगों की चर्चा होती है पब्लिक एवं प्राइवेट जबकि उनकी सरकार एक तीसरी श्रेणी के लिए पहल कर रही है और वो है पर्सनल। व्यक्तिगत उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी सरकार बड़े पैमाने पर प्रयत्न कर रही है.

संयुक्त राष्ट्रसंघ के पुनर्गठन पर वाल देते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा की इसकी स्थापना के ७० साल बाद यह बहुत आवश्यक हो गया है इसके बिना इसकी भूमिका प्रभावी नहीं हो सकती। अंत में सबके कल्याण की कामना करने भावना के साथ सबको धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वक्तव्य समाप्त किया।

II सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु माँ कश्चिद दुःख भाग भवेत् II

Jyoti Kothari
Convener, Jaipur division
Prabhari, West Bengal,
Narendra Modi Vichar Manch

Picture courtesy 1.  By Narendra Modi [CC BY-SA 2.0 (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/2.0)], via Wikimedia Commons

Picture courtesy 2. By Narendra Modi (PM meets Ban Ki-moon at the UN headquarters) [CC BY-SA 2.0 (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/2.0)], via Wikimedia Commons

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